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वाटर पंप

घर बैठे होगी फसल की सिंचाई, सिर्फ मिस्ड कॉल से शुरू हो जाता है खेत का वाटर पंप

घर बैठे होगी फसल की सिंचाई, सिर्फ मिस्ड कॉल से शुरू हो जाता है खेत का वाटर पंप

भारत ने कृषि के मामले में काफी ज्यादा तरक्की कर ली है। ऐसे में कई इलाकों में कम्पनियां ऐसी हैं, जो ऐसे एग्रीकल्चर पंप का निर्माण करती हैं। जिनको मोबाइल से घर बैठे बैठे ही ऑपरेट किया जा सकता है। नई टेक्नोलोजी के साथ देश भर के किसान खेती कर रहे हैं। जिसके चलते अब खेतों की सिंचाई करना भी किसानों के लिए घर बैठे सिर्फ उनकी उंगलियों का खेल रह गया है। बतादें खेत में फसलों को पानी देने के लिए सिर्फ मिस्ड कॉल से ही शुरू हो जाने वाले पंप का सिस्टम बन चुका है। देश में ऐसे एग्रीकल्चर कई पंप हैं, जिनको अलग-अलग इलाकों की कम्पनियों ने बनाया है। इन पंपों को मोबाइल से आसानी से ऑपरेट किया जाता है।

किसानों से खुद ही बनाया सिस्टम

किसान भाई अब तकनीक के मामले में भी किसी को भी मात दे सकते हैं। ऐसे कई किसान हैं, जिन्होंने खुद ही इस सिस्टम को डेवलप कर डाला है। मिस्ड कॉल पंप जीएसएम पर आधारित एक रिमोट कंट्रोल स्विच होता है। जिसे मोबाइल से ऑपरेट किया जाता है, यानि की आप मोबाइल कॉल से ही उसे ऑन और ऑफ कर सकते हैं। मिस्ड कॉल वाले मोबाइल सिस्टम ने किसानों के लिए एग्रीकल्चर पंप शुरू करके काफी आसानी कर दी है। मोबाइल एनेबल्ड सिस्टम के साथ इस पंप को कितनी देर तक चलाना है, यह भी निर्धारित किया जा सकता है। इससे किसानों को काफी फायदा मिला है। साथ ही समय, बिजली या डीजल और पानी जैसी मूलभूत चीजों की बचत में भी मदद मिली है।

दो किलोमीटर दूर से ऑपरेट होता है सिस्टम

बिहार राज्य में स्थिति कैमूर में किसान ने ऐसे ही पंप के साथ काम किया है। किसान की मानें तो वो दो किलोमीटर दूर अपने घर पर आराम से बैठकर ही सिंचाई के लिए पंप चला देते हैं। उन्हें सिंचाई के लिए कुएं में लगा मोटर चलाने के लिए खेतों तक नहीं जाना पड़ता। जो सबसे बड़ी सहूलियत है।

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किसान की मानें तो, वो इस तकनीक के साथ करीब तीन साल से काम कर रहे हैं। इस दौरान किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। इसके लिए उन्हें खेत पर जाने के बाद भी उन्हें कुएं तक जाने की जरूरत नहीं होती। वो सिर्फ एक मिस्ट कॉल से मोटर को चला देते हैं, और घर पर आराम करते हैं। जैसे ही खेतों की सिंचाई हो जाती है, वैसे ही वो मिस्ड काल देकर मोटर को बंद कर देते हैं।

कैसे होता है ऑपरेट?

फसलों की सिंचाई के लिए मोबाइल से मिस्ड कॉल वाला वाटर पंप संचालित करने की यह तकनीक किसानों को खूब पसंद आ रही है। नॉर्मल मोबाइल से मोटर पंप को खोला और बंद किया जा सकता है। मोटर के स्टार्टर में मोबाइल वायब्रेट से करीब 6 वोल्ट डीसी रिले को जोड़ा जाता है। टेप रेडियो में लगने वाली 240 वोल्ट एसी रिले को जोड़कर 240 वोल्ट रिले को स्टार्टर से कनेक्ट कर दिया जाता है। मिस्ड कॉल देने पर मोबाइल के वायब्रेशन से 6 वोल्ड डीसी रिले ऑपरेट हो जाता है। जो 240 वोल्ट ईएसआई को 240 वोल्ट रिले मोटर के स्टार्टर को शुरू कर देती है।
अन्न के साथ किसान पैदा कर रहे ऊर्जा, बिना बिजली के खेतों तक पहुंच रहा पानी

अन्न के साथ किसान पैदा कर रहे ऊर्जा, बिना बिजली के खेतों तक पहुंच रहा पानी

क्या आप कभी ऐसा सोच सकते हैं, कि बिना बिजली कनेक्शन के खेतों तक पानी पहुंच जाए? जाहिर है, कि ये बात हर किसी को नामुमकिन लगेगी. आपको बता दें किसानों ने इसी नामुकिन सी बात को मुमकिन कर दिखाया है. आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश में एक विकासशील राज्य है. लेकिन वहन अभी भी इसे कई कृषि क्षेत्र हैं, जहां पर बिजली का कनेक्शन नहीं पहुंचा है. ऐसी स्थिति में कृषि क्षेत्रों के लिए एमपी सरकार की सोलर पंप योजना को काफी ज्यादा पसंद की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में 20 हजार 6 सौ से ज्यादा सोलर पंप क्षेत्रों में स्थापित किये गये हैं. जिसके बाद एमपी के किसान सिर्फ अन्न ही नहीं बल्कि खेतों में उर्जा भी पैदा कर रहे हैं.

एमपी सरकार ने शुरू की योजना

मध्य प्रदेश की सिवराज सिंह चौहान की सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी योजन की शुरुआत की है. इस योजना के तहत
किसानों के लिए सोलर पंप की सौगात दी है. सरकार की इस योजना के पीछे सिर्फ एक ही उद्देश्य है, कि किसान भाई बिजली कनेक्शन के बिना अपने खेतों की फसलों में सिंचाई कर सकें. बिजली की समस्या से राज्य के कई ग्रामीण क्षेत्र के किसान परेशान हैं. बिजली ही एक मात्र ऐसा जरिया है, जिससे खेतों में पानी पहुंचाया जा सके. किसानों की इस समस्या को देखते हुए, सरकार ने नई योजना शुरू करके किसानों के लिए एक विकल्प तैयार कर दिया है. जिससे किसान खेतों में सोलर पंप की मदद सिंचाई करने का फायदा उठा रहे हैं.

बदल गयी सोलर पंप से तक़दीर

राज्य सरकार के मुताबिक 20 हजार 6 सौ से ज्यादा सोलर पंप खेतों में लगाये जा चुके हैं. वहीं सरकार का लक्ष्य 60 हजार सोलर पंप लगाने का है. सबसे अहम बात यह है कि, इस योजना का फायदा उन किसानों को सबसे ज्यादा मिल रहा है, जिनके नदी, तालाब, नलकूप या फिर अन्य स्रोत में पानी था, लेकिन उस पानी का इस्तेमाल करने के लिए बिजली नहीं मिल पा रही थी. जो भी किसान भाई सरकार की सोलर पंप वाली योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड भोपाल में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए 5 हजार रुपये की धनराशी निर्धारित की गयी है. ऐसे में अगर किसी किसान का रजिस्ट्रेशन रिजेक्ट होता है, तब किसान को पूरा अमाउंट लौटा दिया जाएगा.

सरकार देगी अनुदान

सोलर पंप के लिए सरकार की ओर से किसानों को अनुदान दिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक एचपी डीसी समर्सिबल पंप के लिए किसानों को सिर्फ 19 हजार रूपये देने होंगे. जिसके माध्यम से उन्हें करीब 30 हजार का फायदा दिया जाएगा. बात दो एचपी डीसी सरफेस की करें तो, उसके लिए किसान को 23 हजार रुपये देने होंगे. दो एचपी डीसी समर्सिबल के लिए सिर्फ 25 हजार रुपये में किसान को सोलर पंप की सुविधा मिलेगी.

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तीन एचपी के लिए 36 हजार और 5 एचपी के लिए 72 हजार, तो वहीं 7.5 एचपी के लिए एक लाख 35 हजार रुपयों का भुगतान किसानों को करना होगा.

इस योजना के लिए पात्रता

  • मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना की पात्रता के लिए किसान आवेदक को एमपी का स्थाई निवासी होना जरूरी है.
  • आवेदक के पास किसान कार्ड भी होना जरूरी है.
  • आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, खेती योग्य जमीन के कागज, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज़ की फोटो के साथ आवेदक का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.
  • एमपी के किसी भी क्षेत्र का किसान क्यों ना हो, वो मुख्यमंत्री किसान सोलर पंप योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकता है.

इन नियमों का जानना जरूरी, वरना नहीं मिलेगा सोलर पंप

  • आवेदक किसान सोलर पंप का इस्तेमाल सिर्फ सिंचाई के लिए ही कर सकता है.
  • सोलर पंप से निकले पानी को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता.
  • मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम से सोलर पंप की स्थापना के लिए सहमती लेनी जरूरी होगी.
  • जहां पर बिजली कनेक्शन नहीं है, यह योजना सिर्फ उन्हीं किसानों के लिए बनाई गयी है.
इस राज्य के किसानों को मिलेगा सोलर पंप पर अब 75% प्रतिशत अनुदान

इस राज्य के किसानों को मिलेगा सोलर पंप पर अब 75% प्रतिशत अनुदान

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पीएम कुसुुम योजना केंद्र सरकार की बेहतरीन योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण योजना है। फिलहाल, इसके अंतर्गत किसान भाइयों को 75 प्रतिशत अनुदान मुहैय्या कराया जा रहा है। इसकी मदद से किसान भाइयों को बेहद सस्ती दरों पर अपने खेतों में सोलर पंप लगवाने में सहायता मिलेगी। खेती-किसानी के लिए जितना आवश्यक मृदा का उपयुक्त होना है। उतना ही बेहतर बीजों का होना भी रहता है। इनके न होने पर फसल पर काफी बुरा असर पड़ता है। साथ ही, जल रहित कृषि की कल्पना करना भी मुश्किल होता है। खरीफ सीजन की फसलें सामान्यतः जल के अभाव का सामना करती हैं। धान और गन्ना की फसलों को अधिकांश जल की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की सहायता के लिए खड़ी होती हैं। किसानों को सिंचाई के लिए विभिन्न संसाधन मुहैय्या कराए जाते हैं। किसानोें का सिंचाई पर ज्यादा खर्चा ना हो पाए, इसके संबंध में एक राज्य सरकार बड़ी सहूलियत दे रही है।

हरियाणा सरकार की तरफ से किसानों को सिंचाई के लिए 75 % अनुदान

हरियाणा सरकार की तरफ से किसानों के हित में सिंचाई पर अनुदान दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के स्तर से देश के तमाम राज्यों के कृषकों की सहायता कर रही है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा उत्थान महाभियान के अंतर्गत हरियाणा राज्य सरकार किसानों को 75 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। ये भी पढ़े: किसानों के लिए खत्म होगा बिजली का संकट, 2 हजार यूनिट बिजली मिलेगी मुफ़्त

पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत 60 प्रतिशत तक अनुदान

केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री कुसुम योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत कृषकों को 60 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जाता है। इसके अंतर्गत किसानों को अपने खेतों पर सोलर पंप लगवाने के खर्चे का 30 प्रतिशत तक कर्ज प्रदान करती है। कृषकों को सोलर प्लांट लगाने सिर्फ 10 प्रतिशत तक खर्चा करनी पड़ेगी।

75 प्रतिशत सब्सिडी किस पर मिलेगी

हरियाणा सरकार ने पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को बड़ी सहूलियत प्रदान की है। एक से 10 हॉर्स पॉवर बिजली आधारित कृषि ट्यूबवेल आवेदकों को 75 प्रतिशत तक अनुदानित दर पर सौर पंप उपलब्ध कराया जाएगा।

आवेदन की आखरी तिथि 15 मई तक है

पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत पंजीकरण की प्रक्रिया चालू हो गई है। 28 अप्रैल से पोर्टल पर आवेदन चालू कर दिया है। किसान भाई आवेदन की आखरी तिथि तक 15 मई तक ही कर सकते हैं। आवेदन में लगभग एक सप्ताह का वक्त रह गया है। पीएम कुसुम योजना के लिए आवेदक आधिकारिक वेबसाइट pmkusum.hareda.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।